BJP में अहम नियुक्तियां; वरिष्ठ नेता सत शर्मा को जम्मू-कश्मीर में पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, अन्य नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी
BJP Appoints Sat Sharma As Party Working President in Jammu-Kashmir
Jammu Kashmir BJP Appointments: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और बीजेपी चुनावी तैयारी को लेकर फुल एक्शन मोड में है। इस बीच बीजेपी हाईकमान ने चुनाव में अपनी रणनीति को और मजबूत बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर संगठन में अहम नियुक्तियां की हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने वरिष्ठ नेता सत शर्मा को जम्मू-कश्मीर में पार्टी का प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
सत शर्मा जम्मू-कश्मीर की राजनीति के एक मझे हुए नेता हैं। शर्मा ने 2014 से बीजेपी की टिकट पर जम्मू पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। उन्होंने 40 दिनों के लिए जम्मू और कश्मीर के आवास और विकास के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। सत शर्मा जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बता दें कि, शर्मा के अलावा बीजेपी हाईकमान ने अन्य नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. निर्मल सिंह को प्रदेश चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं सुखनंदन चौधरी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा बीजेपी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है। जो चुनावी प्रबंधन में अपने अनुभव का उपयोग करेंगे।
पीएम मोदी करेंगे जम्मू-कश्मीर का दौरा
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी राजनीतिक हलचल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जल्द ही जम्मू-कश्मीर का चुनावी मोर्चा संभालते हुए नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि, पीएम मोदी 14 सितंबर से जम्मू-कश्मीर में विभिन्न चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की चुनावी रैलियों से जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के के चुनाव अभियान को गति मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में वोटिंग
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में 1 फैज और जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी।
जम्मू-कश्मीर में पहले फेज की वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में पहले फेज के लिए 20 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 27 अगस्त होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 28 अगस्त को की जाएगी। जबकि 30 अगस्त तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं पहले फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 18 सितंबर को होगी।
जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज की वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज के लिए 29 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 5 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 6 सितंबर को की जाएगी। जबकि 9 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं दूसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 25 सितंबर को होगी।
जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज की वोटिंग
इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 17 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं तीसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 74 जनरल, 9 ST और 7 SC सीटें हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में कुल वोटरों की संख्या 87.09 लाख है। इन कुल वोटरों में 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला वोटर शामिल हैं।
वहीं जम्मू-कश्मीर में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 20 लाख से ज्यादा है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 3.71 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 9 हजार 169 लोकेशन पर 11 हजार 838 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
धारा 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में लास्ट विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। तब जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार बनी थी। लेकिन बीजेपी के फैसलों से मतभेदों के चलते यह गठबंधित सरकार जून 2018 में गिर गई। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो गई। वहीं इसके बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संसद में प्रस्ताव लाकर धारा-370 को निरस्त कर दिया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था।
केंद्र सरकार द्वारा ऐसा किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं में खलबली मच गई थी। फिलहाल 10 साल के अंतराल के बाद अब जम्मू-कश्मीर में फिर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। वहीं धारा 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिलेगा। मालूम रहे कि, पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती
पाकिस्तान से सटे और आतंकियों के साये के चलते जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती है। खासकर उत्तरी कश्मीर के जिलों में चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। यहां के कई इलाके संवेदनशील हैं। 14 अगस्त को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक की थी। वहीं इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में दौरा करके चुनाव तैयारियों की समीक्षा की थी।